अतिरिक्त >> चोर सिपाही चोर सिपाहीमोहम्मद आरिफ
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चोर सिपाही...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
वर्तमान युवा पीढ़ी लेखकों के बारे में धारणा है कि इसके कथा लेखन में ‘कहानी’ को ढूँढना पड़ता है... और यह कि इसमें ‘आत्मा’ नहीं है... खाली भाषा का जोर है और स्टाइल का आडम्बर है। मैं इससे पूरी तरह सहमत हूँ... क्योंकि मैंने इस पीढ़ी के प्रमुख हस्ताक्षर मो. आरिफ़ की ‘फूलों का बाड़ा’ आद्योपान्त पढ़ी है। आरिफ़ की कहानियाँ अपनी सादगी, सरलता और ‘शार्पनेस’ से हत्प्रभ कर देती हैं। इसके विषय और इनका गद्य...दोनों ही विशिष्ट हैं। इसके यहाँ ‘पठनीयता’ के साथ जो ‘गम्भीरता’ है वह विरल है।
- नामवर सिंह
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